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दो दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला में अध्यापकों ने सीखे भाषा शिक्षण के प्रमुख कौशल

साउथ पॉइंट वर्ल्ड स्कूल में आयोजित क्षमता संवर्धन कार्यक्रम की विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभागिता करते शिक्षक।

सोनीपत। साउथ पॉइंट वर्ल्ड स्कूल, मुरथल में हिंदी विषय पर दो दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यशाला में सेकेंडरी कक्षाओं के अध्यापक व अध्यापिकाओं ने भाग लिया। 2 व 3 मई को आयोजित कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ, डाॅ. शिक्षा व डॉ.ममता ग्रोवर ने सभी हिंदी अध्यापकों व अध्यापिकाओं को हिंदी भाषा शिक्षण के उद्‌देश्य, उनका वर्गीकरण, मानक देवनागरी लिपि, अंक व वर्तनी, पाठ-योजना, भाषा शिक्षण के प्रमुख कौशल एवं संबंधित गतिविधियों के बारे में बताया।

कार्यशाला के दौरान गद्य शिक्षण व पद्य शिक्षण पर भी चर्चा की गई। इस दौरान अध्यापक वर्ग ने विभिन्न प्रश्न पूछे, जिनका मैडम शिक्षा ने उत्तर देकर अध्यापकों की जिज्ञासा को शांत किया। मैडम ममता ने बताया कि अध्यापक और वि‌द्यार्थी का एक-दूसरे पर कितना विश्वास है, वि‌द्यार्थी अपने अध्यापक में इंसानियत का कैसा आदर्श देखते हैं, ये बुनियादी प्रश्न यदि अध्यापक समझ लें तो समझिए सही मायने में वे अध्यापक बन गए। दो दिवसीय क्षमता संबंधन कार्यक्रम सभी के लिए ज्ञानवर्धक रहा।

साउथ पॉइंट ग्रुप के चेयरमैन दिलबाग सिंह खत्री ने बताया कि कार्यशाला में हरियाणा के विभिन्न जिलों जैसे जींद, रेवाड़ी, सोनीपत, जगाधरी, पानीपत व गुरुग्राम आदि से अध्यापक व अध्यापिकाओं ने भाग लिया। सभी ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं समय-समय पर आयोजित की जानी चाहिएं, इनमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। 

साउथ पाॅइंट ग्रुप के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन रोहित खत्री, मुख्य कार्यकारी अधिकारी भावना कालरा व कार्यकारी निदेशक डॉ. ममता सचदेवा ने बताया कि ऐसी कार्यशालाएं शिक्षक वर्ग के शिक्षण कौशल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं। कार्यशाला का उद्देश्य है कि अध्यापक अपने अध्यापन कार्य और विकास को और अच्छे ढंग से कर सकें।

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