तुगलकी फरमानों के विरोध में 5 जून को शिक्षा सदन पर करेंगे जोरदार प्रदर्शन - हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ
सोनीपत- हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के सोनीपत राज्य सचिव जोगिंदर सिंह, प्रधान नरेंद्र चहल, सचिन दिनेश छिक्कारा ,कैशियर रोहतास गंगाना , संगठन सचिव सुरेंद्र पाल,लेखा परीक्षक राजेंद्र वैध, कार्यालयसचिव रोहतास चहल ,प्रेस सचिव कुलदीप सिंह, खंड प्रधान सोनीपत ऋषिकेश ने सयुक्त प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि केंद्र व राज्य सरकार शिक्षा व शिक्षकों के हितों पर लगातार हमला कर रही है और शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की आड़ में भारतीय भाषा शिक्षण के नाम पर गर्मी की छुट्टियों में 2 से 8 जून तक विद्यार्थियों और भाषा अध्यापकों को 50 डिग्री के आसपास तापमान होने बावजूद स्कूलों में आने का फरमान सुना दिया गया है। दूसरी तरफ प्राथमिक अध्यापकों के सेमिनार भी छुट्टियों में ही लगाने की तैयारी चल रही है,जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अवकाशीय विभाग माने जाने की वजह से स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों को एक वर्ष पूर्ण होने पर केवल 10 अर्जित अवकाश दिए जाते हैं, जबकि कार्यालयों व अन्य विभागों में सेवा काल के आधार पर वर्ष में 15 से 30 तक अर्जित अवकाश देय है। एक तरफ तो अवकाशीय विभाग मानते हुए शिक्षकों को वर्ष में नाममात्र अर्जित अवकाश देय है, दूसरी तरफ किसी न किसी बहाने से ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में अध्यापकों को अपने परिवारों से दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के तुगलकी फरमानों व जनशिक्षा को बचाने और अध्यापकों की लंबित मांगों को लेकर शिक्षा विभाग कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर शिक्षा सदन पंचकूला पर 5 जून के मास डेपुटेशन में पूरे प्रदेश से हजारों की तादाद में अध्यापक भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि सेवा सुरक्षा का ढिंढोरा पीटने के बावजूद कौशल के अध्यापकों के रोजगार से बार बार खिलवाड़ किया जा रहा है।उन्होंने आगे बताया कि एक तरफ तो अध्यापकों को छुट्टियों में दाखिले बढ़ाने के अभियान चलाने की बात की रही है, दूसरी तरफ चिराग के माध्यम से सरकारी स्कूलों के बच्चों का एक सोची समझी चाल के तहत पलायन करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन ट्रेनिंग और गैर शैक्षणिक कार्यों में उलझाकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारी सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को विद्यार्थियों से दूर रखना चाहते है। सरकारी स्कूलों को बदनाम करके स्कूलों का निजीकरण करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है।अध्यापक संघ ने बार-बार उच्च अधिकारियों और सरकार के संज्ञान में लाया है कि अध्यापकों के प्रशिक्षण अप्रैल से सितंबर तक संपूर्ण हो जाने चाहिएं। लेकिन सरकार प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए स्कूली बच्चों की पढ़ाई को दरकिनार करते हुए पूरे सत्र प्रशिक्षण जारी रखना चाहती है। इसीलिए इन तुगलकी फरमानों के विरोध में 5 जून को शिक्षा सदन पंचकूला पर मास डेपुटेशन के माध्यम से सरकार को चेताया जाएगा।
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