आज श्री शान्तिनाथ दिगंबर जैन मंदिर मंडी सोनीपत में दशलक्षण महापर्व के प्रथम दिन को उत्तम क्षमा धर्म के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर भक्तों ने भगवान का अभिषेक किया और उसके पश्चात विधानकर्ता टीकमचंद पवन जैन पटौदी परिवार और रघुवीर सिंह प्रेमचंद जैन परिवार ने शांतिधारा कर पुण्यार्जन किया। उसके पश्चात दशलक्षण विधान का और शांतिनाथ विधान का आयोजन हुआ ।
इस अवसर पर टीकमगढ़ से पधारे पंडित संजय जैन शास्त्री जी ने कहा कि आज संसार में सबसे ज्यादा आवश्यकता क्षमा धर्म की है क्योंकि क्षमा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। इस अवसर पर जैन समाज के कार्यकारी अध्यक्ष जगदीश जैन जी और महामंत्री जयकुमार जैन ने कहा कि हम दश दिन तक भगवान की आराधना इसी तरह करेंगे और 7 सितंबर को क्षमावाणी पर्व के रूप में मनाएंगे ।
जैन समाज के संयोजक मुकेश ने कहा कि क्षमा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है और क्षमा करने वाला ही सबसे बड़ा होता है ना कि क्षमा मांगने वाला।
इस अवसर पर राकेश जैन शशि शुभम सरिता मधु सुरेश रिंकू रॉकी अरुण विपिन इत्यादि बड़ी संख्या में भक्ति विद्यमान थे
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