देवी भागवत् के श्रवण से मनुष्य के सभी कष्ट, व्याधियां और संकोच समाप्त हो जाते हैं।
देवी भागवत् के श्रवण से मनुष्य के सभी कष्ट, व्याधियां और संकोच समाप्त हो जाते हैं।
SONIPAT(KULLDEEP RANGA):
कुमाऊं सभा के तत्वाधान में आयोजित नवदुर्गा शक्तिपीठ मंदिर में चल रही श्रीमद् देवी भागवत महापुराण का आज दूसरे दिन की कथा आज भागवत कथा वक्ता आचार्य गणेश शास्त्री जी ने बताया मां भगवती के चरित्रणो का वर्णन सुनाया भगवत्-अनुरागी तथा पुण्यात्मा महर्षियों ने श्री वेदव्यास के परम शिष्य सूतजी से प्रार्थना कि- हे ज्ञानसागर ! आपके श्रीमुख से विष्णु भगवान और शंकर के देवी चरित्र तथा अद्भुत लीलाएं सुनकर हम बहुत सुखी हुए। ईश्वर में आस्था बढ़ी और ज्ञान प्राप्त किया। अब कृपा कर मानव जाति को समस्त सुखों को उपलब्ध कराने वाले, आत्मिक शक्ति देने वाले तथा भोग और मोक्ष प्रदान कराने वाले पवित्रतम पुराण आख्यान सुनाकर अनुगृहीत कीजिए। ज्ञानेच्छु और विनम्र महात्माओं की निष्कपट अभिलाषा जानकर महामुनि सूतजी ने अनुग्रह स्वीकार किया। उन्होंने कहा-जन कल्याण की लालसा से आपने बड़ी सुंदर इच्छा प्रकट की। मैं आप लोगों को उसे सुनाता हूँ। यह सच है कि श्री मद् देवी भागवत् पुराण सभी शास्त्रों तथा धार्मिक ग्रंथों में महान है। इसके सामने बड़े-बड़े तीर्थ और व्रत नगण्य हैं। इस पुराण के सुनने से पाप सूखे वन की भांति जलकर नष्ट हो जाते हैं, जिससे मनुष्य को शोक, क्लेश, दु:ख आदि नहीं भोगने पड़ते। जिस प्रकार सूर्य के प्रकाश के सामने अंधकार छंट जाता है, उसी प्रकार भागवत् पुराण के श्रवण से मनुष्य के सभी कष्ट, व्याधियां और संकोच समाप्त हो जाते हैं। महात्माओं ने सूतजी से भागवत् पुराण के संबंध में ये जिज्ञासाएं रखीं:तारा सिंह बिष्ट ,नरेंद्र गोस्वामी ,पंडित मोहन चंद्र उपाध्याय ,आनंद सिंह ,भगत सिंह ,चतुर सिंह बिष्ट ,मोहन सिंह बिष्ट ,उर्वा दत्त सत्यवती ,गंगा दत्त ,पूरन चंद ,आदि सदस्य मौजूद मौजूद रहे ,समस्त महिला कीर्तन मंडली जीवन नगर
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