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अहंकार से मनुष्य अपनों से दूर चला जाता है : जैन


सोनीपत, 29अगस्त (DAINIK JAGRUK):(kuldeep ranga)
श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, मंडी सोनीपत में दशलक्षण महापर्व के दूसरे दिन उत्तम मार्दव धर्म के रूप में मनाया गया। इस पावन अवसर पर श्री जगदीश जैन परिवार और प्रेमचंद जैन परिवार ने शांति धारा कर पुण्यार्जन किया।

धर्मसभा को संबोधित करते हुए पंडित संजय शास्त्री जी ने कहा कि –
"जब पेड़ में फल आते हैं तो डालियां झुक जाती हैं। इसी प्रकार बाल्टी भी कुएं से पानी तभी भरकर लाती है, जब वह झुकती है। यही मार्दव धर्म का सार है।"

श्री राकेश जैन ने अपने विचार रखते हुए कहा कि –
"अहंकार का विपरीत मार्दव है। जब तक व्यक्ति मद में रहता है, तब तक उसे सत्य दिखाई नहीं देता। लोग रूप देखते हैं, हम दिल देखते हैं; लोग सपना देखते हैं, हम हकीकत देखते हैं।"

इसी क्रम में जयकुमार जैन और मुकेश जैन ने कहा कि –
"हम भक्तों में भगवान को देखते हैं। अहंकार व्यक्ति को झुकने नहीं देता और वह अकड़ में मुर्दे के समान पड़ा रहता है, जबकि ज्ञानी व्यक्ति अवसर मिलते ही विनम्र हो जाता है।"

रिंकू जैन और मोंटू जैन ने कौरवों का उदाहरण देते हुए कहा कि –
"संसार में कई लोग कसाई की तरह क्रूर बन जाते हैं। इसलिए किसी को भी अहंकार नहीं करना चाहिए।"

इस अवसर पर मधु जैन, शशि जैन, अनु जैन, संजना जैन, राकेश, सुरेश, अंशुल, अरुण, शुभम सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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