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सोनीपत के पूर्ण मूर्ति कैंपस में स्थापित होगा अत्याधुनिक स्वचालित मौसम केंद्र, IITM पुणे से हुआ ऐतिहासिक समझौता

पूर्ण मूर्ति कैंपस में स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित करने को लेकर चेयरमैन डा.विजयपाल नैन व उनकी माता मूर्ति देवी को समझौते की प्रति सौंपते भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के प्रोजेक्ट वैज्ञानिक नीतिग सिंह ।

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान,पुणे के साथ पूर्ण मूर्ति कैंपस ने किया समझौता
- जिले व आसपास के किसानों को प्राकृतिक आपदा के प्रति समय रहते किया जा सकेगा सचेत : डा.विजयपाल नैन  

सोनीपत, 06 दिसंबर(DAINIK JAGRUK,Kuldeep Ranga)

सोनीपत के पूर्ण मूर्ति कैंपस में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटरोलॉजी) के सहयोग से स्वचालित मौसम केंद्र (ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन) जल्द स्थापित किया जाएगा। इस बारे में पूर्ण मूर्ति कैंपस ने भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है। विदित हो कि भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान देश के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार का एक स्वायत्त संस्थान है। स्वचालित मौसम केंद्र वायु की गति, दिशा, तापमान, नमी मापना और प्रति घंटा बारिश की जानकारी इकट्ठा करता है। इसके आधार पर मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी मिलती है। पूर्ण मूर्ति कैंपस की तरफ से चेयरमैन डा.विजयपाल नैन व भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान की तरफ से प्रोजेक्ट डायरेक्टर व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. थारा प्रभाकरन तथा प्रोजेक्ट इनवेस्टिगेटर व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. शिवसाई ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रोजेक्ट वैज्ञानिक नीतिग सिंह ने समझौते की प्रति डा.विजयपाल नैन व उनकी माता मूर्ति देवी को सौंपा।

डा.विजयपाल नैन ने कहा कि इस तरह का वैज्ञानिक केंद्र सोनीपत जिले के लिए एक ऐतिहासिक पल है, जो न केवल शिक्षा और शोध कार्यों को नई दिशा देगा बल्कि यह केंद्र स्थानीय मौसम संबंधी आंकड़ों की उपलब्धता में  महत्वपूर्ण योगदान देगा। इससे जहां शहरी क्षेत्र के मौसम का अध्ययन आसानी से किया जा सकेगा, वहीं जलवायु में हो रहे बदलाव पर भी नजर रखी जा सकेगी। जिले के किसानों को प्राकृतिक आपदा के प्रति समय रहते सचेत किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से फसलों के नुकसान की भरपाई में स्वचालित मौसम केंद्र से मिले विवरणों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। डा.विजयपाल नैन ने बताया कि मौसम संबंधी भविष्यवाणियों की सटीकता और दक्षता बढ़ाने की व्यापक रणनीति के तहत भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान की तरफ से व्यापक पहल की जा रही है, क्योंकि यह कृषि, आपदा प्रबंधन और शहरी नियोजन सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि आज देश में भौतिकी-आधारित संख्यात्मक मॉडलों के अलावा, मौसम, जलवायु और महासागर पूर्वानुमान प्रणालियों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) प्रौद्योगिकियों का एक साथ इस्तेमाल हो रहा है। स्वचालित मौसम केंद्र के बारे में जानकारी मिलने से पूर्ण मूर्ति कैंपस के इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, फार्मेसी, एरोनॉटिकल व एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, लॉ सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं में खासा उत्साह दिखा। इस अवसर पर संस्था के सचिव गौतम नैन, प्रबंध निदेशक कपिल भाटिया, कोषाध्यक्ष भोपाल सिंह, एमडी इंजी.संघदीप शाक्य, डायरेक्टर एकेडेमिक्स डा.स्वीटी, कैंपस डायरेक्टर कुलदीप, रजिस्ट्रार कंवलजीत सिंह संधू, डीन अकादमिक संदीप आदि मौजूद रहे। 

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