जिला प्रशासन सोनीपत और SOS चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया की साझेदारी – 90 बच्चों को मिलेगा किण्शिप केयर कार्यक्रम का सहयोग
जिला प्रशासन सोनीपत और SOS चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया की साझेदारी – 90 बच्चों को मिलेगा किण्शिप केयर कार्यक्रम का सहयोग

सोनीपत, 19 अगस्त (DAINIK JAGRUK):(kuldeep ranga)
जिला प्रशासन, सोनीपत और SOS चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया ने किण्शिप केयर कार्यक्रम के तहत 90 बच्चों के सहयोग हेतु साझेदारी की
सोनीपत: जिला प्रशासन, सोनीपत ने SOS चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया के साथ पाँच वर्षों की साझेदारी की है, जिसके तहत किण्शिप केयर कार्यक्रम के अंतर्गत 90 बच्चों को देखभाल और सहयोग प्रदान किया जाएगा। यह समझौता ज्ञापन (MoU) सुशील सरवान, IAS, उपायुक्त, सोनीपत, डॉ. अनमोल, सिटी मजिस्ट्रेट, डॉ. रितु गिल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी (DCPO), तथा सुमंता कर (सीईओ, SOS चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया) द्वारा SOS चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हस्ताक्षरित किया गया।
इस साझेदारी के माध्यम से SOS चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया और सरकार मिलकर बच्चों के समग्र विकास हेतु कार्य करेंगे, जिसमें देखभाल, संरक्षण, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कल्याण तथा सामाजिक कौशलों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस अवसर पर सुशील सरवान, IAS, उपायुक्त, सोनीपत ने कहा:
“बच्चों का कल्याण एक मजबूत और करुणामय समाज तथा राष्ट्र की नींव है। SOS चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया के साथ इस साझेदारी के माध्यम से हमारा उद्देश्य है कि सोनीपत के 90 बच्चे किण्शिप केयर कार्यक्रम के तहत अपने विस्तारित परिवारों की गर्मजोशी और सुरक्षा में बड़े हों। यह प्रयास न केवल उनके भावनात्मक और सामाजिक विकास को सुरक्षित करता है बल्कि उनके पारिवारिक संबंधों, सांस्कृतिक जड़ों और आत्मीयता को भी संरक्षित करता है। हम मिलकर इन बच्चों को वह देखभाल, संरक्षण और अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसके वे हकदार हैं, ताकि वे उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकें।”
श्री सुमंता कर, सीईओ, SOS चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया ने कहा:
“किण्शिप केयर उन सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है, जिसके माध्यम से कमजोर स्थिति वाले बच्चे एक परिचित वातावरण में प्रेम, स्थिरता और सांस्कृतिक निरंतरता के बीच बड़े हो सकते हैं। सोनीपत जिला प्रशासन के साथ यह साझेदारी बाल संरक्षण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि कोई भी बच्चा अकेला न बड़ा हो। हमें दिया गया विश्वास और सहयोग के लिए हम आभारी हैं और हम इन बच्चों के उज्जवल और सुरक्षित भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
एसओएस चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया के बारे में
1964 में स्थापित, एसओएस चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया उन बच्चों को, जिन्हें अभिभावकीय देखभाल नहीं मिल रही है या जिनके इसे खोने का जोखिम है, गुणवत्तापूर्ण देखभाल सेवाओं की एक श्रृंखला प्रदान करता है, जो केवल बाल देखभाल तक सीमित नहीं है बल्कि व्यापक बाल विकास सुनिश्चित करती है। हमारी विशेष देखभाल हस्तक्षेप जैसे कि पारिवारिक जैसी देखभाल (Family Like Care), परिवार सुदृढ़ीकरण (Family Strengthening), किण्शिप केयर (Kinship Care), शॉर्ट स्टे होम्स (Short Stay Homes), फॉस्टर केयर (Foster Care), युवा कौशल विकास (Youth Skilling), आपातकालीन बाल देखभाल (Emergency Childcare), और विशेष आवश्यकता बाल देखभाल (Special Needs Childcare) जीवन को बदलने और हमारे देखभाल में बच्चों को आत्मनिर्भर और समाज के योगदानकर्ता सदस्य बनाने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं।
संगठन समुदायों में कमजोर परिवारों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में सक्षम बनाता है, जिससे वे अपने देखभाल में बच्चों के लिए सुरक्षित और पोषणकारी वातावरण तैयार कर सकें। आज, 6,500 से अधिक बच्चे 22 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 32 एसओएस चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया के भीतर 440 से अधिक पारिवारिक घरों में रहते हैं—श्रीनगर से कोचीन और भुज से शिलांग तक। इन्हें एसओएस माताओं और आंटियों द्वारा स्नेहपूर्वक पाला और पोषित किया जाता है। भारत का सबसे बड़ा स्वयं-कार्यान्वित बाल देखभाल एनजीओ होने के नाते, एसओएस चिल्ड्रन्स विलेजेस इंडिया ने प्रतिवर्ष 65,000 से अधिक बच्चों को सशक्त किया है, जिससे 83,000 से अधिक जीवनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
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