साउथ पॉइंट स्कूल में मनाया विश्व तंबाकू निषेध दिवस, तंबाकू के प्रयोग से होने वाली हानियों से कराया अवगत
सोनीपत(kuldeep ranga)
साउथ पॉइंट स्कूल में शनिवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया। विद्यार्थियों ने कविता, भाषण व स्लोगन लेखन के माध्यम से तंबाकू से होने वाली हानियों से अवगत कराते हुए इससे दूरी बनाने के लिए प्रेरित किया। साउथ पॉइंट ग्रुप के चेयरमैन दिलबाग सिंह खत्री ने विद्यार्थियों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों की सराहना की और इस दिवस को मनाने के उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
साउथ पॉइंट ग्रुप के चेयरमैन दिलबाग सिंह खत्री ने बताया कि तंबाकू के सेवन से हर साल लाखों लोगों की असमय ही मृत्यु हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की थी। हालांकि पहली बार 07 अप्रैल 1988 को यह दिवस मनाया गया था, लेकिन उसके बाद 31 मई 1988 को एक प्रस्ताव पास हुआ और उसके बाद से हर साल 31 मई को यह दिवस मनाया जाने लगा। उन्होंने बताया कि तंबाकू के सेवन से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों के होने का खतरा रहता है। इसमें फेफड़े का कैंसर, लीवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और हृदय रोग जैसी बीमारियां शामिल हैं। इसलिए हमें न सिर्फ इससे दूरी बनाकर रखनी चाहिए, बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।
साउथ पॉइंट ग्रुप के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन रोहित खत्री ने बताया कि तंबाकू का सेवन जानलेवा हो सकता है। ये जानते हुए भी दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू (बीड़ी, सिगरेट, गुटखा आदि) का सेवन कर रहे हैं। ऐसे में उन पर कई जानलेवा बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है। लोगों को तंबाकू के सेवन से रोकने और उससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को दुनियाभर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
साउथ पॉइंट ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन वर्तिका खत्री ने तंबाकू ने होने वाली हानियों के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक किया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए दूसरों को भी तंबाकू उत्पादों के सेवन से परहेज करने के लिए प्रेरित करने की सीख दी। कार्यक्रम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी भावना कालरा व कार्यकारी निदेशक डॉ. ममता सचदेवा ने भी विद्यार्थियों को इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी।
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